आर्य समाज महाराजपुर की स्थापना

आर्य समाज महाराजपुर की स्थापना 30 जून 1919 को महाराजपुर नगर में स्व.लल्ला सुजानसिंह द्वारा की गयी थी

आर्य समाज का उदभव व विकास

बुन्देलखण्ड केशरी महाराज छत्रसाल के कर कमलो द्वारा महाराजपुर नगर की स्थापना हुयी थी यह नगर बुंदेलखंड की हरी भरी पट्टिकाओं में अपने अनेकानेक लजशयो और दूर दूर तक फैले पान के बागानों से शोभित छतरपुर जिले में स्तिथ है

aryasamajmaharajpur
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आर्य समाज की प्राम्भिक भूमिका

स्व. श्री लल्ला सुजान सिंह द्वारा मीति क्वार सुदी 7 सम्वत 1973 में पाठशाला की नीव रखी गयी और भवन तैयार कर पाठशाला प्रारम्भ की गयी दो वर्ष बाद विश्वनाथ जू देव के कर कमलो द्वारा आर्य समाज का शिल्यानास किया गया जो उक्त दिनांक से आर्य प्रतिनिधि सभा संयुक्त प्रान्त लखनऊ में 200 रु की कोटि में प्रविष्ट हुयी उस समय पदअधिकारी निम्न प्रकार थे

  • श्री लल्ला सुजान सिंह ,प्रधान
  • श्री बाबूराम जी चौरसिया, उपप्रधान
  • श्री नर्वदा प्रसाद जी खरे, मंत्री
  • श्री नंदराम चौरसिया कोषाध्यक्ष

स्वतंत्रता आंदोलन में आर्य समाज की भूमिका

सन 1931 से 1947 तक देश को स्वतंत्रता दिलाने हेतु इस रियासत में आंदोलन प्रारम्भ किया गया उसमे सर्वाधिक आर्य समाज के सभासदो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई सर्वप्रथम आंदोलन का जो कार्यालय बना उसमे श्री दीनदयाल चौरसिया प्रधानमंत्री बनाये गए जिसका उन्होंने संचालन किया था संगठनात्म्क भूमिका अदा की इस आंदोलन में आर्य समाज के सभासदो में निम्नांकित व्यक्तियो ने जेल की यातनाये सही और स्वतंत्रता आंदोलन को सफल बनने में सक्रीय योगदान प्रदान किया

  • श्री दीनदयाल चौरसिया
  • श्री मदन गोपल चौरसिया
  • श्री भगीरथ चौरसिया
  • श्री गौरीशंकर आर्य
  • श्री बुलाकी राम कुठा
  • श्री हरगोविन्द जी महाशय
  • श्री फूलचंद्र जी पाठक
  • श्री हर प्रसाद जी विधार्थी
  • श्री भगवन दास जी कुशवाहा
  • श्री भवानीदीन ठेकेदार
  • श्री भगीरथ शर्मा
  • श्री नाथूराम गुप्ता

आर्य वीर दल का गठन

पूज्य श्री दीवानन्द जी सरस्वती की प्रेरणा से मऊरानीपुर में वर्ष 1945 में आर्यवीर दल का ऐतिहासिक शिविर लगाया गया जिसमे आर्य समाज से नवयुवको को आर्य वीर दल का प्रशिक्षण लेने हेतु भेजा गया प्रशिक्षण से लौटने के पश्चात आर्य वीर दल ने नगर में काफी प्रगति की नगर में चार स्थानों पर शाखाये लगती थी जिसमे नगर के लगभग 500 आर्यवीर शखाओ में 6 साल तक भाग लेते रहे और उनके द्वारा नगर में काफी जन जागरण हुआ
जिनेक नाम निम्न प्रकार है

  • श्री दीनदयाल चौरसिया
  • श्री गोपल जी वैध
  • श्री हरगोविन्द जी महाशय
  • श्री भगीरथ चौरसिया
  • श्री फूलचंद्र जी पाठक
  • श्री बाबूराम चौरसिया
  • श्री रामकृष्ण चौरसिया
  • श्री पूरन लाल जी किसान
  • श्री पांडुरंग
  • श्री भवानीदीन कुर्मी