आर्य समाज का हीरक जयंती समारोह

आर्य समाज के 75 वर्ष पूर्ण के उपरांत वर्ष 1994 में दिनाँक 04 -12 -1994 से 08 -12 -1994 तक हीरक जयंती महोत्सव का विशाल स्तर पर आयोजन किया गया जिसमे देश के शिरोमणि विद्वान , उपदेषक पूज्य स्वामी सत्यानंद सरस्वती जी , श्री रमेश चन्द्र श्रीवास्तव प्रधान आर्य प्रतिनिधि सभा मध्य प्रदेश व विदर्भ , उत्तर चन्दर जी शरर , श्री अमृतलाल शर्मा जी , सुश्री माधुरी रानी शास्त्री एवं भजनोपदेशक वीरेंद्र सिंह आर्य गाजीपुर , श्री सुरेंद्र पल आर्य उपस्तिथ हुए जिनकी वेदामृत से गगन गूंज उठा और जान जान के ह्रदय में वैदिक धर्म के प्रति आस्था घर कर गयी इसी अवसर पर नगर में ऐतिहासिक शोभायात्रा 05 -12 -1994 को आयोजित की गयी जिसमे आर्य प्रितिनिधि सभा म.प्र. के समस्त पदाधिकारी एवं प्रतिनिधियों ने भाग लिया नगर में सभी जगह मालाओ , मिठाई , और फूलो के द्वारा अभूतपूर्व एवं ह्रदय स्पर्शी स्वागत किया गया जो अविस्मरणीय था हीरक जयंती के अवसर पर यह भी निश्चय किया गया की हीरक जयंती के उपलक्ष्य में महर्षि दयानंद हीरक जयंती को भव्य जयंती द्वारा निर्माण किया जाये तदानुसार भव्य द्वारा निर्मित हो चुका है जिसकी अनूठी छटा एवं भव्यता आने वाले हर नागरिक को अपनी और आकर्षित करती है आर्य समाज यह हीरक जयंती वर्ष इतिहास के पन्नो में हमेशा अविस्मरणीय रहेगा

पंजाब के हिंदी आंदोलन में योगदान

सन 1975 में पंजाब में हिंदी आंदोलन हुआ था चंडीगढ़ के मुख्यमंत्री श्री प्रताप सिंह कैरव में पंजाब में हिंदी का प्रयोग बंद कर दिया उनकी इस कार्यवाही के विरुद्ध आर्य समाजियो ने सत्याग्रह किया जिसमे महाराजपुर के आर्य समाजी श्री घासीराम चौरसिया व कामता प्रसाद चौरसिया की प्रेरणा से सत्याग्रह में सम्मिलित होने हेतु श्री जागेशवर प्रसाद कुशवाहा तथा घासीराम बड़ाई को भेजा गया आंदोलन में इन दोनों को 3. 5 साल की सजा भोगनी पड़ी अंततः आर्य समाज का आंदोलन सफल हुआ और तब ये दोनों आर्यवीर महाराजपुर वापिस आये आर्य समाज पंजाब की और से आर्य समाज महारजपुर के सदस्यों का आंदोलन में सहयोग देने हेतु एक सम्मान पत्र भी दिया गया

शिक्षा के क्षेत्र में आर्य समाज

आर्य समाज की स्थापना से 2 वर्ष पूर्व पाठशाला प्रारंभ की गई इसके पश्चात 1921 में नगर कन्या पाठशाला प्रारंभ की गई और वर्ष 1931 में बालकों की शिक्षा हेतु विद्यालय प्रारंभ किया गया

1964 में तत्कालीन प्रधान और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री दीनदयाल चौरसिया एवं नगर के गणमान्य नागरिकों के सहयोग से छत्रसाल मुन्सिपल डिग्री कॉलेज प्रारम्भ किया गया

स्वास्थ्य क्षेत्र

आर्य समाज के द्वारा वर्ष 1954 से निरंतर नेत्र शिविरों के माधियम से नेत्र रोगियों के चिकित्सा उपलबध कराई जा रही है / प्रथम वर्ष में उ. प्र के अलीगढ़ शहर से डॉक्टर आकर नेत्र उपचार करते थे , बाद में वर्ष 1980 में केन्द्र सरकार द्वारा जिला अंधत्व निवारण समिति का गठन किया गया, जिसके माधियम से शिवरों को लगाया गया / वर्तमान में सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय चित्रकूट के सहयोग से नेत्र शिविर प्रत्यके वर्ष निरंतर आयोजित किया जाते है / इसके साथ ही समय समय पर रोग निदान शिवरो का आयोजन किया जाता है /

वैदिक धर्म का प्रचार

आर्य समाज महाराजपुर के द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के अनेक स्थानो पर आर्य समाज की स्थापना की स्थापना की गई एव वेद प्रचार सप्ताह के अंतरगत विभिन्न ग्रामो एवं नगरो में समय समय पर वैदिक धर्म का प्रचार प्रसार किया जाता है / आर्य समाज महाराजपुर के द्वारा आर्य समाज समाज छत्तरपुर ,आर्य समाज राजनगर ,आर्य समाज महोवा का उत्तरात्तार विकास हेतु हर संभव सहयोग एवं सहायता प्रदान की जाती है / आर्य समाज महाराजपुर ने छत्तरपुर,राजनगर,महोवा,लवकुशनगर ,सिजई ,देवपुर इत्यादि सथानो पर आर्य समाज की स्थापना में सहयोग किया व सतत सम्पर्क जारी है